बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं को संतुलित करने के लिए अत्यधिक प्रभावी टिप्स
हम सभी समझते हैं कि BOARD EXAMS और COMPETITIVE EXAMS की तैयारी के बीच संतुलन बनाना कितना मुश्किल हो सकता है, जो दोनों ही आपके भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन दोनों ही परीक्षाओं को सफलतापूर्वक देना और अच्छे अंक प्राप्त करना जरूरी है ताकि आप एक अच्छे कॉलेज में दाखिला ले सकें, जो आपको एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगा।
क्योंकि ये दोनों परीक्षाएं साथ-साथ होती हैं, बोर्ड परीक्षाओं के बाद मुश्किल से एक महीने का समय मिलता है और फिर प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, तो आपको दोनों परीक्षाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए अच्छी तरह से तैयारी करनी होगी।
यहां एक रणनीति दी गई है जो आपकी इस यात्रा को आसान और प्रभावी बनाने में मदद करेगी ताकि आप दोनों परीक्षाओं की तैयारी अच्छे से कर सकें। पढ़ते रहें!!
दोनों परीक्षाओं का सिलेबस समझें :
- हर विषय के तहत दोनों परीक्षाओं के सिलेबस में शामिल टॉपिक्स की एक सूची बनाएं।
- हर टॉपिक के मुख्य-कॉन्सेप्ट्स और उप-टॉपिक्स को समझें और उन्हें लिस्ट करें।
दोनों परीक्षाओं के सिलेबस को उनके वेटेज के आधार पर एकत्र करें :
- उपरोक्त तैयार की गई सूची में उन सामान्य टॉपिक्स/मुख्य अवधारणाओं को हाईलाइट करें जो दोनों परीक्षाओं में शामिल हैं।
- बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा के सिलेबस की जाँच करें और हर टॉपिक के सामने उसका वेटेज लिखें।
अपनी तैयारी को वेटेज और अपनी कुशलता के आधार पर प्राथमिकता दें :
- एक बार जब आप दोनों परीक्षाओं के सामान्य टॉपिक्स और उनके वेटेज को समझ लें, तो आप हर टॉपिक को उसके महत्व के अनुसार समय आवंटित कर सकते हैं।
- सबसे ज़्यादा वेटेज वाले टॉपिक्स को सबसे ज़्यादा समय दें और जिन टॉपिक्स में आप कमजोर महसूस करते हैं, उन्हें भी ज्यादा समय दें।
- जिन टॉपिक्स में आप मजबूत हैं, उन्हें नज़रअंदाज़ न करें। उन्हें भी नियमित रूप से प्रैक्टिस करें, लेकिन मजबूत विषयों को कम समय आवंटित करें और कमजोर विषयों को अधिक समय।
दोनों परीक्षाओं के पैटर्न का विश्लेषण करें :
- दोनों परीक्षाओं का सिलेबस लगभग एक जैसा होता है, लेकिन मुख्य अंतर उनके पैटर्न में है।
- बोर्ड परीक्षाएं विषयपरक (subjective) होती हैं, और यह थ्योरी पर आधारित विस्तृत उत्तरों पर ध्यान देती हैं, जहां उत्तर के हर स्टेप का महत्व होता है और उसके अनुसार अंक मिलते हैं।
- जबकि प्रतियोगी परीक्षाएं बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर आधारित होती हैं, जहां आपको सही उत्तर चिह्नित करना होता है। यहां स्टेप्स मायने नहीं रखते बस उत्तर सही होना चाहिए।
- मानसिक गणना का अभ्यास करने से आपको न्यूमेरिकल समस्याओं को अधिक प्रभावी ढंग से हल करने में बहुत मदद मिलेगी
दोनों परीक्षाओं की तैयारी को एक साथ संयोजित करें :
- अगर आप इन दो परीक्षाओं को पूरी तरह से अलग समझकर तैयारी करेंगे, तो यह काम बहुत कठिन हो जाएगा।
- इसके बजाय, यदि आप अपनी तैयारी को इस तरह से रणनीतिक बनाते हैं कि यह साथ-साथ चले, तो काम बहुत आसान और अधिक प्रभावी हो जाएगा।
- एक टॉपिक चुनें → उस टॉपिक को पढ़ें और उसके मुख्य कॉन्सेप्ट्स को समझें → उस टॉपिक से संबंधित थ्योरी/विषयपरक प्रश्नों का उत्तर दें → न्यूमेरिकल बेस्ड प्रश्नों को हल करें → उत्तर सत्यापित करें → उन कॉन्सेप्ट्स को दोबारा पढ़ें जो सवाल हल करते समय कठिन लगे → जिन सवालों में गलती की या ज़्यादा समय लिया, उन्हें फिर से करें।
पूरे अध्ययन के समय को 3 श्रेणियों में विभाजित करें:
- तैयारी का समय - एक नया टॉपिक चुनें, पढ़ें और नोट्स बनाएं।
- रिवीजन का समय - हर दिन के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें, जिस दिन आपने जो पढ़ा है उसका रिवीजन करें।
- पेपर हल करने का समय - हर रविवार को (सुबह 9-12 बजे) पेपर हल करने के लिए रखें। एक हफ्ते बोर्ड परीक्षा का सैंपल/पिछले साल का पेपर हल करें और अगले हफ्ते प्रतियोगी परीक्षा का सैंपल पेपर।
अपनी परीक्षा की तैयारी में आने वाली चुनौतियों को लिस्ट करें:
- उन टॉपिक्स को लिस्ट करें, जहां आप अधिक गलतियां कर रहे हैं या जिन्हें समझने में कठिनाई हो रही है।
- अपने स्कूल के शिक्षकों से मदद लें ताकि वे आपको कॉन्सेप्ट को बेहतर तरीके से समझा सकें।
- अपने कोचिंग ट्यूटर से संपर्क करें ताकि वे आपको सवालों को तेज़ी से और बेहतर तरीके से हल करने के तरीके सिखा सकें।
एक साथी के साथ मिलकर पढ़ाई करें (यदि आपको सुविधाजनक लगे):
- अगर आप किसी साथी के साथ पढ़ाई करने में सहज हैं, तो ऐसा दोस्त चुनें जो आपके साथ तैयारी करने के लिए उतना ही रुचि रखता हो।
- आप दोनों कोई टॉपिक चुन कर उन्हें तैयार कर सकते हैं, और एक-दूसरे से चर्चा करके, एक-दूसरे के संदेह दूर कर सकते हैं।
- ध्यान रखें कि यह ग्रुप बड़ा न हो। इसमें अधिकतम 2 लोग होने चाहिए। ग्रुप जितना बड़ा होगा, ध्यान भंग होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
सप्ताह में एक दिन पूरी तरह से आराम के लिए रखें:
- परिवार के साथ समय बिताएं।
- दोस्तों के साथ बाहर जाएं।
- अपनी किसी रुचि की गतिविधियों में लिप्त हों - जैसे कोई शौक पूरा करें।
- उस दिन पढ़ाई की चिंता बिल्कुल न करें। (समय पर लिए गए ब्रेक आपको थकान से बचाते हैं)
रविवार का उचित उपयोग करें:
- अपने रविवार का उपयोग सैंपल/मॉक/पिछले साल के पेपर हल करने के लिए करें।
- पहले 8 महीने - एक सप्ताह बोर्ड परीक्षा का मॉक पेपर और अगले सप्ताह प्रतियोगी परीक्षा का मॉक पेपर हल करें।
- अंतिम 4 महीने - हर रविवार एक मॉक बोर्ड पेपर (9-12 बजे) और एक मॉक प्रतियोगी पेपर (2-5 बजे) हल करें।
- दिन के बाकी हिस्से का उपयोग अपनी प्रदर्शन का विश्लेषण करने और कमजोर क्षेत्रों को समझने के लिए करें।
सामान्य टिप्स:
- खुद पर विश्वास करें कि आप कर सकते हैं।
- अपनी तैयारी की तुलना अन्य बच्चों से न करें।some text
- अपनी तैयारी का शेड्यूल, रणनीति और समय-सीमा खुद बनाएं और इसका पालन करें।
- दूसरों से तुलना करने से अनावश्यक तनाव होगा, जो आपकी तैयारी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
- हरी सब्ज़ियाँ और मेमोरी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
- हफ्ते में किसी एक दिन अपनी कोई पसंदीदा/ शौक के कार्य ज़रूर करें।
- रोज़ाना व्यायाम करें (चाहे 20-30 मिनट का सत्र हो, लेकिन इसे रोजाना करें)।
- परीक्षा केंद्र जाने से पहले या परीक्षा के तुरंत बाद अपनी तैयारी पर चर्चा न करें।
- घर जाएं, खाना खाएं और अच्छी नींद लें। एक बार आराम कर लें, फिर अपनी प्रदर्शन का आकलन करें।
- हर रात 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
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